Tuesday, October 28, 2014

एक श्राप में छुपा बड़ा 'रहस्य', इसलिए है ब्रह्मा का दुनिया में एक मंदिर

एक श्राप में छुपा बड़ा 'रहस्य', इसलिए है ब्रह्मा का दुनिया में एक मंदिर
अजमेर. पुष्कर में 31 अक्टूबर से 6 नवंबर तक विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला लग रहा है। इस अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं पुष्कर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां।
 
पुष्कर में है दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर
 
राजस्थान के पुष्कर में बना भगवान ब्रह्मा का मंदिर अपनी एक अनोखी विशेषता की वजह से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है, यह ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। हिन्दू धर्म में भगवान ब्रह्मा को संसार का रचनाकार माना जाता है।
  
पत्नी सरस्वती ने ब्रह्मा जी को क्यों दिया था श्राप
 
हिन्दू धर्मग्रन्थ पद्म पुराण के मुताबिक धरती पर वज्रनाश नामक राक्षस ने उत्पात मचा रखा था। ब्रह्मा जी ने जब उसका वध किया तो उनके हाथों से तीन जगहों पर पुष्प गिरा, इन तीनों जगहों पर तीन झीलें बनी। इसी घटना के बाद इस स्थान का नाम पुष्कर पड़ा। इस घटना के बाद ब्रह्मा ने यज्ञ करने का फैसला किया। 
 
पूर्णाहुति के लिए उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती का होना जरूरी था, लेकिन उनके न मिलने की वजह से उन्होंने गुर्जर समुदाय की एक कन्या 'गायत्री' से विवाह कर इस यज्ञ को पूर्ण किया। उसी दौरान देवी सरस्वती वहां पहुंची और ब्रह्मा के बगल में दूसरी कन्या को बैठा देख क्रोधित हो गईं।
 
उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बावजूद कभी भी उनकी पूजा नहीं होगी, हालांकि बाद में इस श्राप के असर को कम करने के लिए उन्होंने यह वरदान दिया कि एक मात्र पुष्कर में उनकी उपासना संभव होगी। भगवान विष्णु ने भी इस काम में ब्रह्मा जी की मदद की थी। इसलिए देवी सरस्वती ने विष्णु जी को भी श्राप दिया था कि उन्हें पत्नी से विरह का कष्ट सहन करना पड़ेगा। इसी कारण राम (भगवान विष्णु का मानव अवतार) को जन्म लेना पड़ा और 14 साल के वनवास के दौरान उन्हें पत्नी से अलग रहना पड़ा था।

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